Love Poetry : Prem (Best Love Poetry)1

Love Poetry

Prem

Love Poetry, Prem (Best Love Poetry)1
Prem (Best Love Poetry)

मेने अपनी Special Person के लिए कुछ Line लिखी थी। और इसलिए लिखी थी क्युकि उसको किसी लड़के ने उसे कहा था, कि तुम खूबसूरत नहीं तुम्हारे चेहरे पर दाग है, Pimples है, तुम्हारा रंग भी इतना गोरा नहीं। तब उसके लिए मेने ये Lines लिखी थी। और अगर आपकी ज़िन्दगी में भी कोई ऐसी हैं जो कहती हैं मैं इतनी खूबसूरत नहीं तो उन्हें Share कर देना।

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तो अर्ज किया है !

कि तेरे जिश्म को छुए बगैर जो रहे सके कोई, उसे अपनी खूबसूरती का दीदार करवा के तो देख !

हज़ारों किताब लिख दूँ तेरी खूबसूरती पर, तू अपनी शादगी का एतबार करके तो देख !

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और किसने कहा तुम खूबसूरत नहीं, शायद उसने कभी तेरी शादगी को देखा ही नहीं !

उसने देखा भी तो तुम्हें देखा, और उसे पढ़ना भी नहीं आया, शायद वो चेहरों की रंगत में मशरूम था, हाय कितना बदनसीव निकला, उसने खुदा को तो देखा लेकिन ताबीर न करना आया !

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रावण ने माता सीता को देखा, लेकिन माता सीता के रूप में माता लक्ष्मी को कहाँ देखा !

दुर्योधन ने श्री कृष्ण को देखा, लेकिन श्री कृष्ण के रूप में नारायण को कहाँ देखा !

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और उसने पहली दफा तेरे होंठों को देखा, मेने तेरी आँखों का दीदार किया है !

उसने बस एक लड़की को देखा, मैंने लड़की के रूप में तुम्हें लक्ष्मी स्वरूप तेरे नारित्व को देखा है !

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और उसने बस एक दाग को देखा, मैंने दाग के साथ चाँद को देखा है, और तुम  खूबसूरत चाँद हो, जिसमे दाग तो लाज़मी है, और तुम्हीं बताओ बिना दाग के चाँद खूबसूरत कहाँ है।

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